एमडी और एमबीबीएस में अंतर क्या है? MBBS के बाद MD करें या नही

यदि आप मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। तो मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए बहुत सी डिग्री होती हैं। जिनमें पॉपुलर कोर्स हैं एमबीबीएस, एमडी, बीएएमएस आदि। मेडिकल छात्र को इन सभी के बारे में बेहतर समझ होनी चाहिए। इसलिए इस लेख में एमडी और एमबीबीएस के बीच अंतर को बताया गया है।

MD aur MBBS me antar

मेडिकल फील्ड में बेहतर करियर बनाने के लिए एमबीबीएस और एमडी दोनों ही पॉपुलर डिग्री हैं। आज हम एमडी और एमबीबीएस में मुख्य अंतर को समझेंगे। Difference between MD and MBBS in Hindi एमबीबीएस और एमडी में किस कोर्स को करें? MBBS or MD which is higher. तो आइए समझते हैं एमबीबीएस बनाम एमडी।

एमडी और एमबीबीएस के बीच अंतर को समझने से पहले एमबीबीएस और एमडी के बारे में बेसिक जानकारी प्राप्त करते हैं। जैसे कि एमबीबीएस एमडी का फुल फॉर्म, एमबीबीएस और एमडी कोर्स की अवधि आदि।

एमडी और एमबीबीएस में अंतर क्या है?

एमडी और एमबीबीएस में मुख्य अंतर यह होता है, कि एमबीबीएस कोर्स में अलग-अलग बीमारी के बारे में सामान्य जानकारी दी जाती है। एमबीबीएस कैंडिडेट को किसी भी बीमारी के बारे में बेसिक जानकारी होती है। जबकि एमडी कोर्स एक स्पेशलाइज्ड कोर्स होता है। जिसमें एमपी कैंडिडेट को मेडिकल के किसी विशेष ब्रांच के बारे में पूरी जानकारी होती है।

एमडी कोर्स किया हुआ छात्र मेडिकल क्षेत्र के किसी विशेष फील्ड का मास्टर होता है। जैसे कि आंखों का डॉक्टर, इसे आंखों की बीमारी आदि के बारे में पूरी जानकारी होती है। जबकि एमबीबीएस कोर्स की है वे छात्र को मेडिकल के विभिन्न क्षेत्र के बारे में बेसिक जानकारी होती है।

एमडी क्या होता है What is MD in Medical in Hindi

एमडी का फुल फॉर्म होता है “डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन” यह पोस्ट ग्रेजुएशन / मास्टर डिग्री कोर्स होता है। एमडी कोर्स को एमबीबीएस कोर्स करने के बाद किया जाता है। यह स्पेशलाइज्ड कोर्स है। जिसमें एनाटॉमी, रेडियोथैरेपी और जनरल मेडिसिन के बारे में बेहतर नॉलेज दिया जाता है। 

इस कोर्स के दौरान छात्र को इन विषयों का गंभीर नॉलेज दिया जाता है। ताकि डॉक्टर बनने पर किसी भी बीमारी को आसानी से समझ सके और उस बीमारी का सही तरीके से इलाज करने में सक्षम हो पाए।

भारत में एमडी कोर्स की अवधि 3 वर्ष होती है। जिसमें छात्र मेडिकल क्षेत्र के किसी विशेष पार्ट यानी विषय की पढ़ाई करता है। इस कोर्स में लेक्चर और प्रैक्टिकल के अलावा बहुत सी गतिविधियों में पार्टिसिपेट करना होता है। जिसमें सेमिनार, रिसर्च, थिसिस, मौखिक परीक्षा और ग्रुप डिस्कशन आदि शामिल है।

एमडी कोर्स पूरा होने के बाद एमबीए स्टूडेंट्स हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम करते हैं। वे अस्पताल में प्रैक्टिकल नॉलेज प्राप्त करते हैं। यदि आप एमडी कोर्स के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट करें। आपके लिए हम जानकारी अवश्य शेयर करेंगे। अब आइए जानते हैं एमबीबीएस क्या होता है।

एमबीबीएस क्या होता है what is MBBS in Hindi

एमबीबीएस का फुल फॉर्म होता है “बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी” यह एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है। एमबीबीएस डिग्री हासिल करने के बाद कैंडिडेट डॉक्टर बन जाता है। एमबीबीएस कोर्स की अवधि 5.5 साल होती है। जिसमें 1 वर्ष की इंटर्नशिप करनी होती है। एमबीबीएस कोर्स में एनाटॉमी, फार्मोकोलॉजी, पैथोलॉजी, हेल्थ एंड मेडिसिन और सर्जरी जैसे विषय शामिल होते हैं।

एमबीबीएस डिग्री कोर्स पूरा होने के बाद इंटर्नशिप के दौरान आपको हॉस्पिटल या हेल्थ केयर सेंटर में फिजीशियन, कंसलटेंट या मेडिकल असिस्टेंट के रूप में प्रैक्टिस करने का मौका मिलता है। इंटर्नशिप पूरी होने के बाद आप MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) मे अपना नाम डॉक्टर के रूप में रजिस्टर करा सकते हैं।

MD aur MBBS mein kya antar hai

आइए विस्तार से जानते हैं कि मेडिकल क्षेत्र के एमडी और एमबीबीएस दोनों में क्या अंतर है? यदि आप डॉक्टर बनना चाहते हैं। तो एमबीबीएस बैचलर डिग्री कोर्स करके सरकारी या प्राइवेट डॉक्टर बन सकते हैं। लेकिन यदि आप किसी विशेष फील्ड के डॉक्टर बनना चाहते हैं। जैसे की आंखों के डॉक्टर, हड्डियों के डॉक्टर, पेट के डॉक्टर आदि तो एमबीबीएस के बाद आपको इस फील्ड में एमडी कोर्स करना चाहिए।

MD और MBBS के बीच अंतर को समझते हैं। आखिरकार एमबीबीएस और एमडी कोर्स में मुख्य अंतर क्या होता है। 

  1. एमबीबीएस एक बैचलर डिग्री कोर्स है, जबकि एमडी एक पोस्ट ग्रेजुएशन/ मास्टर डिग्री कोर्स है।
  2. भारत में एमबीबीएस कोर्स की अवधि 5.5 वर्ष होती है। जबकि एमडी कोर्स की अवधि 3 वर्ष होती है।
  3. एमबीबीएस कोर्स में विभिन्न बीमारियों तथा इलाज के बारे में सामान्य जानकारी दी जाती है। जबकि एमडी कोर्स में किसी विशेष फील्ड के बारे में भरपूर नॉलेज दिया जाता है।
  4. एमबीबीएस कोर्स करने के बाद ही एमडी कोर्स कर सकते हैं।

क्या MBBS के बाद MD करना जरूरी है?

वैसे तो दोनों ही कोर्सेज मेडिकल क्षेत्र में बेस्ट करियर विकल्प प्रदान करते हैं। लेकिन एमडी और एमबीबीएस के बीच अंतर को समझने के बाद आपके मन में इस सवाल का आना जाहिर हो जाता है। कि क्या हमें एमबीबीएस के बाद एमडी करना चाहिए या नहीं? आइए इसे समझते हैं।

दोस्तों एमबीबीएस के सेकंड ईयर, थर्ड ईयर या फिर इंटर्नशिप के दौरान आपको यह समझ में आने लगता है, कि किस फील्ड में आपका इंटरेस्ट है। और किस ब्रांच में ज्यादा करियर विकल्प है। जैसे की मेडिसिन, सर्जरी, ENT, Paediatric आदि।

आपको किसी विशेष फील्ड में नॉलेज का महत्व समझ आ जाता है। किसी विशेष फील्ड के डॉक्टर का क्रेज समझ आ जाता है। यही कारण है कि ज्यादातर छात्र एमबीबीएस के बाद एमडी करते हैं।

  • इसका मुख्य कारण है कि वे अपने इंटरेस्ट की फील्ड के डॉक्टर बन जाते हैं। जिससे आपकी इनकम में बहुत ज्यादा फर्क आ जाता है।
  • एमबीबीएस के बाद एमडी कोर्स करने के बाद आपके पास इतनी नॉलेज/ एक्सपीरियंस आ जाता है। कि आप खुद का हॉस्पिटल या क्लीनिक खोल सकते हैं।
  • एमबी करने के बाद आप प्राइवेट व गवर्नमेंट जॉब कर सकते हैं, जिसमें उच्च सैलरी होती है।

MBBS or MD which is higher

अभी तक तो हमने जाना कि ज्यादातर छात्र एमबीबीएस करने के बाद एमडी क्यों करते हैं। लेकिन एमबीबीएस के बाद एमडी करना जरूरी नहीं होता है। क्योंकि लोग आप की डिग्री देखकर आपके पास इलाज के लिए नहीं आएंगे। बल्कि आपकी काबिलियत के कारण आपके पास आएंगे। आपके पास बेस्ट क्लीनिकल एक्सपीरियंस होना चाहिए। जिसके जरिए आप अपने करियर बेहतर बना सकते हैं।

एमडी का क्या मतलब होता है?

मेडिकल क्षेत्र में एमडी का मतलब होता है “डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन” यह एक मास्टर डिग्री कोर्स है।

एमडी कितने वर्ष का कोर्स होता है?

भारत में एमबीबीएस कोर्स के बाद एमडी 3 वर्ष का कोर्स होता है।

एमबीबीएस कोर्स की अवधि कितनी होती है?

भारत में एमबीबीएस कोर्स की अवधि 5.5 वर्ष होती है। जिसमें इंटर्नशिप शामिल है।

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