बीएससी माइक्रोबायोलॉजी पाठ्यक्रम बैक्टीरिया, वायरस, कवक, प्रोटोजोआ आदि जैसे सूक्ष्मजीवों के अध्ययन और मानव शरीर पर उनके प्रभाव से संबंधित है। यदि आप माइक्रोबायोलॉजी में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह लेख बहुत ही उपयोगी है। यहां पर बीएससी माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित प्रत्येक जानकारी दी गई है, जिसमे शामिल है bsc microbiology kya hai, इस कोर्स में एडमिशन, कोर्स फीस और जॉब स्कोप आदि।

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स पूरा करने के बाद, छात्र फोरेंसिक साइंस प्रयोगशालाओं, स्वास्थ्य सेवा संगठनों, पर्यावरण संगठनों, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य और पेय, उच्च शिक्षा संस्थानों या अन्य उद्योगों जैसे कई क्षेत्रों में नौकरी के अवसर तलाश सकते हैं। आइए जानते हैं बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बारे में।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी क्या है
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी 3 साल का स्नातक कोर्स है, जिसमें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों जैसे वायरस, बैक्टीरिया, कवक और प्रोटोजोआ आदि का अध्ययन शामिल है। साथ ही साथ इस कोर्स में इन सभी सूक्ष्मजीवों का मानव शरीर पर प्रभाव को भी डिस्कस किया जाता है। यह स्पेशलाइजेशन जैव रसायन और पैथोलॉजी रिसर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
12वीं बायोलॉजी के छात्र बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कर इस क्षेत्र में बेहतरीन भविष्य बना सकते हैं। देश भर में स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों में बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स ऑफलाइन मोड में कराया जाता है। बीएससी माइक्रोबायोलॉजी पाठ्यक्रम में मेरिट के आधार पर या प्रवेश परीक्षाओं के जरिए एडमिशन होता है।
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बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के लिए योग्यता
छात्र को पहले से कुछ भी योजना बनाने से पहले बीएससी माइक्रोबायोलॉजी डिग्री कोर्स के लिए पात्रता मानदंड के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि बीएससी माइक्रोबायोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए न्यूनतम क्वालिफिकेशन इस प्रकार है –
- बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स करने के लिए छात्र के 12वीं में मुख्य विषय के रूप में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) विषय रहे हों।
- 10+2 में न्यूनतम 55% अंक होने चाहिए।
नोट : हालांकि B.Sc Microbiology पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए योग्यता मापदंड और परसेंटेज क्राइटेरिया अलग अलग कॉलेज के लिए भिन्न हो सकता है। इसलिए आप जिस भी कॉलेज में प्रवेश लेना चाहते हैं, उसके पात्रता मापदंड को अच्छी तरह से समझ लें। बहुत से कॉलेज प्रवेश परीक्षा के जरिए इस कोर्स में प्रवेश लेते हैं इसलिए कॉलेज में एडमश के लिए निर्धारित प्रवेश परीक्षा के बारे में जानकारी पहले से एकत्रित कर लें।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी एंट्रेंस एग्जाम
वैसे तो ज्यादातर कॉलेज में बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स में 10+2 के अंको के आधार पर एडमिशन होता है। परंतु कई प्रसिद्ध कॉलेज/विश्वविद्यालय हैं जो प्रवेश परीक्षा के माध्यम से बीएससी माइक्रोबायोलॉजी में प्रवेश प्रदान करते हैं। राज्य के साथ-साथ विश्वविद्यालय स्तर पर कुछ प्रवेश परीक्षाएं ली जाती हैं जैसे LPU NEST, CUET, AMUEEE आदि।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी की फीस
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स की फीस ₹20000 से ₹100000 प्रति वर्ष हो सकती है। इस कोर्स की फीस इस पर भी निर्भर करती है कि कॉलेज/संस्थान सरकारी है या प्राइवेट। सरकारी कॉलेज में bsc microbiology की फीस प्राइवेट कॉलेज के मुकाबले कम होती है।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद जॉब स्कोप
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद बहुत करियर स्कोप है। आप अपनी पसंद के क्षेत्र में विभिन्न जॉब प्रोफाइल पर जॉब कर सकते हैं। यहां पर बहुत सी जॉब प्रोफाइल और रोजगार के क्षेत्र की जानकारी दी है, जिसमे bsc microbiology ग्रेजुएट करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद रोजगार के क्षेत्र
- फूड इंडस्ट्री
- बेवरेज यूनिट्स
- केमिकल इंडस्ट्रीज
- कॉलेज & यूनिवर्सिटी
- हॉस्पिटल
- डेवलपमेंट लेबोरेटरीज
- फार्मास्यूटिकल सेक्टर
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद जॉब प्रोफाइल
- माइक्रोबायोलॉजिस्ट
- बायोमेडिकल साइंटिस्ट
- क्लीनिक रिसर्च एसोसिएट
- इम्युनोलॉजिस्ट
- फूड माइक्रोबायोलॉजिस्ट
- प्रोटो जूलोजिस्ट
- फार्माकोलोजिस्ट
- एनवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजिस्ट
- वायरोलॉजिस्ट
- Cell बायोलॉजिस्ट
- बैक्टेरियोलॉजिस्ट
माइक्रोबायोलॉजिस्ट
माइक्रोबायोलॉजिस्ट संक्रामक रोगों और उन्हें फैलाने के लिए जिम्मेदार रोगाणुओं का अध्ययन करते हैं। माइक्रोबायोलॉजिस्ट विभिन्न कंपनियों में काम कर सकते हैं। कुछ क्षेत्र जिनमें वे काम कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:
- कृषि विभाग
- रासायनिक उद्योग
- पेय उद्योग
- खाद्य उद्योग
- पर्यावरण एजेंसियां
- अनुसंधान संगठन
- निजी अस्पताल
- प्रयोगशाला
- विश्वविद्यालय
- फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज
बायोमेडिकल साइंटिस्ट
बायोमेडिकल साइंटिस्ट मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं। बायोमेडिकल वैज्ञानिक स्वास्थ्य विज्ञान (हेल्थ केयर साइंस) के साथ मिलकर काम करते हैं। ये विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अध्ययन, परीक्षण और नई उपचार योजना विकसित करने के लिए जिम्मेदार हैं।
क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट
क्लिनिकल ट्रायल का प्रबंधन, तैयारी आदि की जिम्मेदारी क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट की होती है। भारत के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में से माइक्रोबायोलॉजी में B.Sc डिग्री पूरी करने के बाद आप बेहतरीन फार्मास्युटिकल और बायोटेक कंपनियों में रोजगार की तलाश कर सकते हैं।
हेल्थकेयर वैज्ञानिक (इम्यूनोलॉजी)
हेल्थकेयर वैज्ञानिक जो इम्यूनोलॉजी विभाग में काम करते हैं, उनके पास विभिन्न प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं के रोगियों के निदान, निगरानी और उपचार की जिम्मेदारी होती है। हेल्थकेयर वैज्ञानिकों को मिलने वाला वेतन काफी प्रभावशाली होता है और वे देश के भीतर या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या मैं नीट के बिना माइक्रोबायोलॉजी कर सकता हूं?
जी हां, आप NEET एग्जाम दिए बिना बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स कर सकते हैं। ज्यादातर कॉलेज 10+2 के आधार पर इस कोर्स में एडमिशन लेते हैं। बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के अलावा बीएससी कार्डियोलॉजी, डिप्लोमा इन मेडिकल टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी जैसे बहुत से कोर्सेस के लिए NEET स्कोर की आवश्यकता नहीं है।
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद कौन सी नौकरी मिलती है?
बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद फूड इंडस्ट्री, केमिकल इंडस्ट्रीज, कॉलेज & यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल तथा फार्मास्यूटिकल सेक्टर आदि में माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बायोमेडिकल साइंटिस्ट, क्लीनिक रिसर्च एसोसिएट, इम्युनोलॉजिस्ट, फूड माइक्रोबायोलॉजिस्ट, एनवायरमेंटल माइक्रोबायोलॉजिस्ट आदि जॉब प्रोफाइल पर नौकरी मिल सकती है।