Chemical Engineer Kaise Bane केमिकल इंजीनियरिंग की पूरी जानकारी

क्या आप केमिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि chemical engineer Kaise bane तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। यहां पर केमिकल इंजीनियरिंग के बारे में पूरी जानकारी शेयर की गई है। जैसे कि chemical engineering Kya Hai केमिकल इंजीनियर बनने के लिए कोर्स, कॉलेज फीस केमिकल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट कॉलेज आदि।

chemical engineer kaise bane

यहां पर यह भी बताया गया है कि केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आप किन क्षेत्रों में नौकरी कर सकते हैं। Chemical engineer की सैलरी कितनी होती है? केमिकल इंजीनियर कौन कौन से काम करता है। इस आर्टिकल में केमिकल इंजीनियरिंग को कैरियर के रूप में चुनने की पूरी जानकारी शेयर की गई है।

केमिकल इंजीनियरिंग क्या है (what is chemical engineering in Hindi)

एक नजर इस पर डालते हैं कि केमिकल इंजीनियरिंग क्या है? तो दोस्तों केमिकल इंजीनियरिंग को आसान भाषा में समझें तो यह साइंस/टेक्नोलॉजी का वह हिस्सा है। जिसमें कच्चे उत्पादों या केमिकल्स में बहुत से प्रोसेस व प्रिंसिपल एप्लाइड करके उसे उपयोगी प्रोडक्ट में परिवर्तित करते हैं। 

केमिकल इंजीनियरिंग में केमिस्ट्री, बायोलॉजी, फिजिक्स व मैथ आदि के कांसेप्ट का उपयोग करके केमिकल इंजीनियर प्रोडक्ट्स की क्वालिटी व मेंटेनेंस पर काम करते हैं।

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केमिकल इंजीनियर कैसे बनते हैं?

केमिकल इंजीनियर क्या होता है – केमिकल इंजिनियर्स केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करके लैबोरेट्री, इंडस्ट्री, हेल्थ सेक्टर, फूड फैक्ट्री आदि जैसे क्षेत्रों में करियर बनाते हैं। आपको बता दें कि केमिकल इंजीनियर रासायनिक पदार्थों का प्रोडक्शन और विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए आप केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा, स्नातक व मास्टर डिग्री कोर्स आदि करते हैं। यह कोर्स करने के बाद आप साइट इंजीनियर, केमिकल इंजीनियर, टेक्निकल ऑपरेटर जैसे पदों में जॉब कर सकते हैं।

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केमिकल इंजीनियर बनने के लिए योग्यता

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया अलग-अलग कॉलेज में डिफरेंट सकता है। बहुत से कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम के जरिए एडमिशन करते हैं वहीं दूसरी ओर डायरेक्ट एडमिशन में ही होता है। केमिकल इंजीनियरिंग के लिए अलग-अलग कोर्स के लिए भी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निर्धारित है।

डिप्लोमा कोर्स 

केमिकल इंजीनियर डिप्लोमा कोर्स करने के लिए छात्र कम से कम कक्षा दसवीं पास हो। हाई स्कूल में साइंस व गणित जैसे मुख्य सब्जेक्ट हो।

अंडर ग्रेजुएट (UG) कोर्स 

  • केमिकल इंजीनियरिंग अंडर ग्रैजुएट डिग्री कोर्स करने के लिए छात्र 12वीं पास हो। 
  • इंटर में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स ऐसे विषयों के साथ कम से कम 50% मार्क्स हो।
  • छात्र यूनिवर्सिटी/इंस्टीट्यूट द्वारा कराए गए केमिकल इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई किए हो।

पोस्ट ग्रेजुएट (PG) कोर्स

  • केमिकल इंजीनियरिंग पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए छात्र प्रासंगिक क्षेत्र से बैचलर डिग्री कोर्स किए हो।
  • इंस्टीट्यूट द्वारा मान्य एग्जाम जैसे की GATE आदि एग्जाम क्लियर किए हो।
  • छात्र के अंडर ग्रैजुएट कोर्स में कम से कम 50- 60% मार्क्स होने चाहिए।

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्सेज इन हिंदी

जैसे कि हमने जाना कि केमिकल इंजीनियर बनने के लिए आपको डिप्लोमा, अंडरग्रैजुएट, पोस्टग्रेजुएट डिग्री या फिर डॉक्टोरल कोर्स करना होता है। इसलिए आइए जानते हैं केमिकल इंजीनियर बनने के लिए कोर्स इसके बारे में।

केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स

यह डिप्लोमा कोर्स कक्षा दसवीं के बाद 3 वर्ष का फुल टाइम कोर्स होता है। डिप्लोमा कोर्स कम से कम 50 परसेंट मार्क्स होने पर आप अंडरग्रैजुएट इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स के सेकंड ईयर में डायरेक्ट एडमिशन ले सकते हैं।

अंडर ग्रैजुएट कोर्स (बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी)

यह 4 वर्ष का कोर्स होता है। बैचलर डिग्री कोर्स में छात्रों को कांसेप्चुअल लर्निंग व थियोरेटिकल और प्रैक्टिकल नॉलेज दिया जाता है। केमिकल इंजीनियरिंग में (BE/BTech) छात्रों के अंदर इंडस्ट्रियल वर्क का टेक्निकल ट्रेनिंग डिवेलप होती है।

पोस्ट ग्रेजुएट (मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी)

ग्रेजुएशन के बाद यह 2 वर्ष का कोर्स होता है। पी जी कोर्स स्टूडेंट के अंदर केमिकल इंजीनियरिंग के विशेष फील्ड में इंडस्ट्रियल नॉलेज प्रदान करता है।

डॉक्टोरल कोर्स (पीएचडी)

पीएचडी ऐसे छात्र करते हैं जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन कम से कम 50 परसेंट मार्क्स से पूरा किया हो।

केमिकल इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम

केमिकल इंजीनियरिंग के लिए यूनिवर्सिटी, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर बहुत से एंटरेंस एग्जाम कराए जाते हैं। एंट्रेंस एग्जाम के लिए एलिजिबल छात्र आवेदन कर सकते हैं। आईआईटी मे जेईई मेंस और जेई एडवांस एंट्रेंस एग्जाम के जरिए एडमिशन होता है।

JEE Main : एनडीए द्वारा हर वर्ष एग्जाम आयोजित किया जाता है जेई मेंस के द्वारा एनआईटी, सीएफटीआई जैसे कॉलेज में एडमिशन होता है। जेई मेंस, जेई एडवांस प्रिलिमनरी एक्जाम होता है।

जेई एडवांस : जेई एडवांस के लिए जेईई मेंस क्लियर करना होता है जेई एडवांस के जरिए आईआईटी में एडमिशन होता है।

महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (MHT CET) : इंजीनियरिंग कोर्स के लिए महाराष्ट्र राज्य में राज्य स्तर पर एग्जाम कराया जाता है।

GATE : यह एग्जाम पोस्टग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्स (ME/MTech) में एडमिशन के लिए आयोजित किया जाता है।

बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ऐडमिशन टेस्ट (BITSAT) : यह एग्जाम BITS Pilani द्वारा अंडर ग्रैजुएट इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित किया जाता है। जिसके केंपस पिलानी, गोवा और हैदराबाद में है।

SRM यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंटरेंस एक्जाम : यह यूनिवर्सिटी लेवल एंट्रेंस एग्जाम है जिसके जरिए एसआरएम ग्रुप इंस्टीट्यूट में ऐडमिशन होता है।

वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंटरेंस एग्जामिनेशन (VITEEE) : वेल्लोर इंस्टीट्यूट द्वारा हर वर्ष एग्जाम आयोजित किया जाता है।

केमिकल इंजीनियरिंग में करियर स्कोप

केमिकल इंजीनियर कोर्स करने के बाद कैंडिडेट केमिकल इंजीनियरिंग फील्ड में बेहतर करियर बना सकते हैं। अच्छे रैपटेक कॉलेज से केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने पर बढ़िया प्लेसमेंट होता है। आप प्राइवेट और सरकारी ऑर्गनाइजेशन में केमिकल इंजीनियर प्रोफेशनल के तौर पर काम कर सकते हैं।

केमिकल इंजीनियरिंग जॉब्स

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आप विभिन्न सेक्टर में जॉब कर सकते हैं। अलग-अलग जॉब प्रोफाइल पर काम कर सकते हैं।

केमिकल इंजीनियर – केमिकल इंजीनियर रासायनिक प्रक्रिया को डिजाइन करने और डिवेलप करने के लिए रिस्पांसिबल होते हैं। वे फ्यूल, ड्रग्स व अन्य प्रोडक्ट्स के डेवलपमेंट में आई समस्याओं को भी सॉल्व करते हैं।

लेक्चरर – केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री कोर्स करने के बाद आप भी नींद कॉलेज से इंस्टिट्यूट में लेक्चरर भी बन सकते हैं।

  • एनालिटिकल केमिस्ट
  • माइनिंग इंजीनियर
  • एनर्जी मैनेजर
  • डेवलपमेंट केमिकल इंजीनियर
  • सुपरवाइजर

केमिकल इंजीनियरिंग के बाद नौकरी के क्षेत्र

केमिकल इंजीनियर विभिन्न प्रकार के इंडस्ट्री में केमिकल इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं। जैसे कि

  • पैट्रोलियम इंडस्ट्री
  • फूड इंडस्ट्री
  • टेक्सटाइल इंडस्ट्री
  • केमिकल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री
  • रबर इंडस्ट्री
  • पेपर इंडस्ट्री
  • प्लास्टिक इंडस्ट्री
  • सीमेंट इंडस्ट्री
  • पब्लिक सेक्टर इंडस्ट्री
  • फर्टिलाइजर इंडस्ट्री

गवर्नमेंट / पब्लिक सेक्टर

  1. ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC)
  2. Coal इंडिया लिमिटेड (CIL)
  3. गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
  4. भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड
  5. स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
  6. नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड

केमिकल इंजीनियर सैलेरी कितनी है

केमिकल इंजीनियर का वेतन उसकी जॉब प्रोफाइल, जॉब के क्षेत्र व कार्यानुभव पर निर्भर करता है।

  • मार्केट एनालिस्ट – वार्षिक वेतन लगभग 5 से ₹800000
  • केमिकल इंजीनियर – वार्षिक वेतन लगभग 4 से ₹800000
  • साइट इंजीनियर – वार्षिक वेतन लगभग 4 से ₹600000
  • एनर्जी मैनेजर – वार्षिक वेतन लगभग 6 से ₹800000
  • माइनिंग इंजीनियर – वार्षिक वेतन 7 से ₹800000

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स फीस

केमिकल इंजीनियरिंग फीस आपके कॉलेज, चयनित कोर्सेज आदि पर निर्भर करती है। 

अंडरग्रैजुएट डिग्री कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में ₹6000 से लेकर ₹1000000 होती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में ₹30000 से लेकर ₹4000000 तक होती है।

केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में ₹2000 से लेकर ₹80000 तक होती है और प्राइवेट कॉलेज में ₹20000 से लेकर ₹300000 तक होती है।

केमिकल इंजीनियरिंग पोस्टग्रेजुएट कोर्स की फीस सरकारी कॉलेज में ₹2000 से लेकर ₹1000000 तक होती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में ₹50000 से लेकर ₹1200000 तक होती है।

केमिकल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक स्किल

केमिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने के लिए नॉलेज, अवेयरनेस के साथ ही कुछ जरूरी स्किल्स भी होनी चाहिए। जैसे कि केमिकल एक्सपेरिमेंट में इंटरेस्ट, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स, कमर्शियल अवेयरनेस, एनालिटिकल स्किल, टेक्निकल नॉलेज, डाटा कलेक्शन एंड एनालिसिस, ऑपरेशनल स्किल आदि।

केमिकल इंजीनियरिंग विषय

केमिकल इंजीनियरिंग के अलग-अलग कोर्सेज में बहुत से विषय शामिल होते हैं। साथ ही एक्सपेरिमेंट और प्रैक्टिकल्स भी होते हैं।

केमिकल इंजीनियरिंग बैचलर डिग्री विषय – इंजीनियरिंग केमिस्ट्री, थर्मोडायनेमिक्स, स्टडी ऑफ केमिकल रिएक्टर्स, अप्लाइड मैथमेटिक्स, केमिकल इंजीनियरिंग लैब प्रैक्टिस आदि।

केमिकल इंजीनियरिंग मास्टर डिग्री विषय – केमिकल इंजीनियरिंग थर्मोडायनेमिक्स, एडवांस प्रोसेस कंट्रोल, प्रोसेस ऑप्टिमाइजेशन, कंपोजिट मैटेरियल आदि।

केमिकल इंजीनियरिंग के लिए भारत में बेस्ट कॉलेज और फीस

  • इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी मद्रास – टोटल फीस आठ से ₹900000
  • इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी दिल्ली – टोटल फीस आठ से ₹900000
  • इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे – टोटल फीस आठ से 1000000 रुपए
  • इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी कानपुर – टोटल फीस 8.4 लाख रुपए
  • पारूल यूनिवर्सिटी – टोटल फीस 4 से 500000₹

क्या मैं केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर सकता हूं?

हां, आप कक्षा दसवीं के बाद कम से कम 45 परसेंट मार्क्स से पास करके डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।

क्या बायोलॉजी (Bio) के छात्र केमिकल इंजीनियर बन सकता है?

हां, जरूर लेकिन अगर आपके कक्षा बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी जैसे मुख्य विषय रहे हो।

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स फीस कितनी होती है?

केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स फीस अलग-अलग कोर्स अनुसार भिन्न होती है। यह ₹10000 से लेकर ₹1000000 तक होती है।

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